भारतीय खाने में आटा और मल्टीग्रेन आटा दोनों का ही इस्तेमाल होता है। यहाँ दोनों के बीच मुख्य अंतर हैं: आटा आमतौर पर गेहूं के आटे से बनाई जाती है, जो आहार ऊर्जा, प्रोटीन, आवश्यक विटामिन और खनिजों का एक अच्छा स्रोत है। इसमें कुछ फाइबर भी होता है। रोटी भारत के कई हिस्सों में एक मुख्य भोजन है और इसे साफ़ आटे से बनी अन्य प्रकार की ब्रेड की तुलना में एक स्वस्थ विकल्प माना जाता है। मल्टीग्रेन आटा गेहूं के अलावा गेहूं, जौ, चना, राजमा, सोयाबीन आदि अनाजों को मिलाकर बनाया जाता है। इससे आटे में फाइबर और अन्य पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है, जो इसे नियमित गेहूं के आटे की तुलना में एक स्वस्थ विकल्प बनाता है। रोटी बनाने के लिए मल्टीग्रेन आटे का उपयोग करने से आहार में अधिक पोषण और फाइबर मिल सकता है, जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है। संक्षेप में, नियमित गेहूं के आटे की तुलना में मल्टीग्रेन आटा अधिक पोषण और फाइबर प्रदान करता है। रोटी बनाने के लिए मल्टीग्रेन आटे का उपयोग करना उन व्यक्तियों के लिए एक स्वस्थ विकल्प हो सकता है जो अपने पोषक तत्वों का सेवन बढ़ाना चाहते हैं।